200 करोड़ का टर्नओवर होते ही ज्वेलरी कंपनी ने कर्मचारियों को दिया कारों का तोहफा

अहमदाबाद ब्यूरो 

गुजरात की एक ज्वेलरी कंपनी ने अपने कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को सराहते हुए एक अनोखी पहल की है. अहमदाबाद स्थित काबरा ज्वेल्स लिमिटेड ने अपनी कंपनी के 12 वरिष्ठ कर्मचारियों को नई कारें गिफ्ट की हैं. यह इनाम कंपनी के 200 करोड़ रुपये का टर्नओवर पूरा करने के उपलक्ष्य में दिया गया.

इस पहल के पीछे कंपनी के मालिक कैलाश काबरा हैं, जिन्होंने अपनी टीम के प्रति आभार जताने के लिए यह सराहनीय कदम उठाया. उन्होंने अपने कर्मचारियों को महिंद्रा एक्सयूवी 700, टोयोटा इनोवा, हुंडई आई10, हुंडई एक्सेंट, मारुति सुजुकी एर्टिगा और मारुति सुजुकी ब्रेजा जैसी गाड़ियां गिफ्ट कीं.

सूरत के हीरा व्यापारी से मिली प्रेरणा
इस अनोखी पहल की प्रेरणा सूरत के मशहूर हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया से मिली है, जो अक्सर अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस के रूप में कार और मोटरसाइकिल गिफ्ट करने के लिए जाने जाते हैं. अब उसी राह पर चलते हुए कैलाश काबरा ने भी अपनी टीम को शानदार गिफ्ट दिए हैं.
कैलाश काबरा ने साल 2006 में मात्र 21 साल की उम्र में ज्वेलरी बिजनेस की शुरुआत की थी. उस वक्त उनके साथ सिर्फ 12 लोग थे और टर्नओवर 2 करोड़ रुपये था. लेकिन आज, उनकी कंपनी में 140 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं और उन्होंने 200 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है.
कंपनी के मालिक कैलाश काबरा ने कहा,”यह सफलता पूरी टीम की मेहनत और समर्पण से ही संभव हुई है. अपने लिए लग्जरी कार खरीदने के बजाय, मैं उन कर्मचारियों की सराहना करना चाहता था, जो हमारी कंपनी के शुरुआती दिनों से हमारे साथ हैं और इसे इस मुकाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है.”

उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता, चाचा और दादा उनके प्रेरणास्रोत हैं और उनके बिजनेस गुरु गणपतजी चौधरी ने उन्हें ‘कमाओ और वापस दो’ का महत्व सिखाया.

गाड़ियां ही नहीं, और भी खास तोहफे मिले
इस खास मौके पर कैलाश काबरा ने सिर्फ कारें ही नहीं बल्कि अपनी टीम के अन्य सदस्यों को भी कई इनाम दिए. इनमें टू-व्हीलर वाहन, मोबाइल फोन, फैमिली हॉलीडे पैकेज, सोने-चांदी के सिक्के शामिल हैं.

काबरा ज्वेल्स के कर्मचारियों ने इस इनाम को एक परिवारिक सम्मान की तरह देखा. एक कर्मचारी ने कहा, “हमने कई सालों तक कंपनी के साथ कड़ी मेहनत की और अब कंपनी ने भी हमें परिवार की तरह सम्मान दिया. यह सिर्फ एक गिफ्ट नहीं, बल्कि हमारी मेहनत की असली पहचान है.”

Leave a Comment

और पढ़ें

Rashifal

और पढ़ें

error: Content is protected !!