खबरों की मानें तो.... मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में अपर जिला न्यायाधीश ने पति-पत्नी के एक पक्षीय तलाक को रद्द कर दिया.
इन्होंने वर्ष 2013 में प्रेम विवाह किया था, विवाह के बाद कुछ समय तक दोनों शहर में रहे, लेकिन बाद में गांव लौट आए, यहां आने के बाद पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आनी शुरू हुई, तो…. पत्नी ने अदालत में तलाक की अर्जी देकर पति पर क्रूरता और घरेलू हिंसा का आरोप लगाया, यही नहीं, पति पर शराब पीने और परिवार का दायित्व पूरा नहीं कर पाने का भी आरोप लगाकर तलाक की मांग की, इसके बाद पति ने भी पत्नी पर कई आरोप लगाए.
इस मामले में पारिवारिक न्यायालय में सुनवाई के दौरान पति बीमार होने की वजह से पेशी पर अदालत नहीं पहुंच पाया, तो अदालत ने एकपक्षीय तलाक मंजूर कर दिया.
इस फैसले के बाद पति ने इस याचिका को अदालत में चुनौती दी, जिसमें कहा कि- वह पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन बिताना चाहता है, उनका एक बच्चा है, जो पिता के साथ रहता है, इसके बाद अदालत ने पुनः दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर प्रदान किया.
इस मामले में बच्चे का कहना था कि- वह जब भी अपनी मां से मिलने जाता है तो उसे मिलने नहीं दिया जाता.
इस मामले में अदालत ने पाया कि मामला क्रूरता की श्रेणी में नहीं आता, बच्चे की भावनाओं को देखते हुए और पत्नी की ओर से लगाए गए आरोप साबित नहीं कर पाने पर विचार करने के बाद अदालत ने एक पक्षीय तलाक को निरस्त कर दिया!
