नई दिल्ली. देशभर में कोरोना तेजी से फैल रहा है. देश मेंं कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 1200 पहुंच गई है. महाराष्ट्र एक्टिव मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां 325 मरीज हैं. इनमें से 316 मरीज सिर्फ मुंबई में हैं.
इसके बाद केरल में सबसे ज्यादा 430 कोरोना पेशेंट हैं. बीते दिन महाराष्ट्र में 66, कर्नाटक 36, गुजरात 17, बिहार 5 व हरियाणा में 3 नए मामले सामने आए हैं. नॉर्थ-ईस्ट में भी कोरोना के मामले सामने आने लगे हैं. अरुणाचल प्रदेश में 2 महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गईं. इनमें एक को बुखार व हल्की खांसी है. जबकि दूसरी महिला में कोई लक्षण नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में 78 साल के कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई. यह राज्य में COVID के नए वैरिएंट से पहली मौत है. इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक व मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है. कुल मृतक की संख्या 12 पहुंच गई है.
प्रधानमंत्री मोदी के 29-30 मई को यूपी-बिहार दौरे के मद्देनजर राज्य का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है. निर्देश दिए गए है कि PM के 100 मीटर के दायरे में रहने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच होगी. गौरतलब है कि जयपुर में 26 मई को कोरोना के दो मरीजों की मौत हो गई. इनमें से एक रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था. उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. दूसरी मौत प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती 26 साल के युवक की हुई. उसे पहले से ही टीबी की बीमारी थी. वहीं महाराष्ट्र के ठाणे में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. ठाणे में ही 25 मई को अस्पताल में इलाज करा रहे 21 साल के युवक की मौत हो गई. उसका 22 मई से इलाज चल रहा था. इससे पहले 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी. स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से हुई थी. 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. केरल में दो लोगों की कोविड से मौत हुई है.
देश में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं. विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि दक्षिण व पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है. वे LF 7, XFG, NB.1.8.1 सीरीज के है. बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके. मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिएए बस सतर्क रहना चाहिए.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है. हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है. चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है. NB.1.8.1 के A 435S, V445H व T 478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं. इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता. भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है. टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है. इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) व ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं.
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है-
JN. 1, ओमिक्रॉन के BA 2.86 का एक स्ट्रेन है. इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था. दिसंबर 2023 में WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया. इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं. अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है. दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है. वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं. अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो.