श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव बढ़ गया था. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए, जिनमें सबसे अहम था सिंधु जल संधि को स्थगित करना और पाकिस्तानियों को देश छोडऩे का निर्देश देना.
इसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से हालात और भी गंभीर हो गए थे. हालांकि अब 10 मई को शाम 5 बजे दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा कर दी है. लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
सीजफायर के एक दिन बाद, यानी 11 मई को, भारत ने चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार डैम के गेट खोल दिए हैं. इससे पहले, भारत ने इन दोनों डैम के जरिए पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोक दिया था, जिससे पाकिस्तान में चिनाब नदी लगभग सूखने लगी थी और वहां पानी का संकट गहरा गया था. अब गेट खोले जाने के बाद पाकिस्तान में अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है. कई क्षेत्रों में पहले सूखी पड़ी ज़मीन पर अब सिर्फ पानी ही नजर आ रहा है.
सूत्रों के अनुसार, बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में हुई भारी बारिश के कारण इन डैमों का जलस्तर काफी बढ़ गया था, जिसके चलते गेट खोलने की आवश्यकता पड़ी. हालांकि डैम के गेट खोलने के पीछे की असली वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है.
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू हो चुका है, लेकिन सिंधु जल संधि अब भी स्थगित है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने यह कदम रणनीतिक दबाव बनाने के लिए उठाया था और अब जब तनाव थोड़ा कम हुआ है, तो जल प्रबंधन के लिहाज से पानी छोड़ा जा रहा है. इस घटनाक्रम से यह साफ है कि दोनों देशों के बीच हालात सामान्य होने में अभी समय लगेगा, और जल नीति जैसे संवेदनशील मुद्दे भविष्य में फिर से तनाव का कारण बन सकते हैं.