नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों और शिक्षकों की उपस्थिति को और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया नियम लागू करने की योजना बनाई है। अब मेडिकल कॉलेजों में अटेंडेंस दर्ज करने के साथ-साथ जीपीएस आधारित लोकेशन भी देना अनिवार्य होगा। यह नियम 24 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा.
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इसके लिए एक फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसके माध्यम से डॉक्टरों और फैकल्टी को अपनी उपस्थिति और लोकेशन दर्ज करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में अनुशासन और जवाबदेही को बढ़ाना है, ताकि शिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
यह है नया नियम
सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों और डॉक्टरों को रोजाना अपनी अटेंडेंस ऐप के जरिए लगानी होगी। अटेंडेंस के साथ उनकी वास्तविक लोकेशन जीपीएस के माध्यम से सत्यापित की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि फैकल्टी और डॉक्टर कॉलेज परिसर में मौजूद हैं और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।
इसलिए उठाना पड़ा कदम
पिछले कुछ समय से कई मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की अनुपस्थिति और ड्यूटी में लापरवाही की शिकायतें सामने आ रही थीं। इससे मेडिकल शिक्षा और मरीजों की देखभाल पर असर पड़ रहा था। इस नए नियम से सरकार का लक्ष्य ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाना और मेडिकल कॉलेजों में बेहतर कार्य संस्कृति को बढ़ावा देना है।
24 अप्रैल से लागू होगा नया नियम
एनएमसी के अनुसार, यह नियम 24 अप्रैल 2025 से देशभर के मेडिकल कॉलेजों में लागू हो जाएगा। सभी कॉलेजों को इस ऐप को अपनाने और अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यह कदम मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इससे न केवल मेडिकल कॉलेजों में अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होने की उम्मीद है।