नई दिल्ली. सऊदी अरब सरकार ने इस साल की हज यात्रा (2025) के लिए कई नए नियम जारी किए हैं, जिनका असर भारत समेत दुनिया भर के हज यात्रियों पर पड़ेगा. सऊदी गृह मंत्रालय द्वारा जारी इन नियमों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव बच्चों की हज यात्रा को लेकर है.
12 साल से कम उम्र के बच्चों को हज वीजा नहीं
नए नियमों के तहत, अब 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हज यात्रा के लिए वीजा जारी नहीं किया जाएगा. इस फैसले के कारण भारत में हज कमेटी को भेजे गए 291 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं. प्रभावित बच्चों में उत्तर प्रदेश के 18 बच्चे भी शामिल हैं.
उमराह और मक्का प्रवेश के लिए भी नए दिशा-निर्देश
जो लोग हज यात्रा से पहले उमराह करना चाहते थे, उनके लिए सऊदी अरब में प्रवेश की अंतिम तिथि 13 अप्रैल निर्धारित की गई थी (जो अब बीत चुकी है). ऐसे सभी यात्रियों को 29 अप्रैल 2025 तक सऊदी अरब छोडऩा अनिवार्य होगा. 23 अप्रैल से मक्का शहर में प्रवेश के लिए नियमों को सख्त किया जा रहा है. शहर में दाखिल होने के लिए व्यक्ति के पास वैध वर्क परमिट, मक्का का पहचान पत्र (इकामा) या हज यात्रा का परमिट होना अनिवार्य होगा. बिना इनमें से किसी वैध दस्तावेज के पाए जाने पर व्यक्ति को मक्का में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और उसे वापस भेज दिया जाएगा.
प्रभावित परिवारों के लिए कैंसलेशन का विकल्प
जिन परिवारों के बच्चों का आवेदन 12 साल से कम उम्र के नियम के कारण निरस्त हुआ है, वे चाहें तो बच्चे को छोड़कर परिवार के अन्य सदस्य हज यात्रा पर जा सकते हैं. यदि कोई परिवार इस वजह से अपनी पूरी यात्रा रद्द करना चाहता है, तो वे आज, यानी 14 अप्रैल 2025 तक, बिना किसी निरस्तीकरण शुल्क (कैंसलेशन चार्ज) के अपनी बुकिंग ऑनलाइन या हज सुविधा ऐप के माध्यम से रद्द कर सकते हैं.