नई दिल्ली. मुम्बई में हुए आंतकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा के आने से पहले दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खबर है कि अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पित किए गए तहव्वुर राणा को बुलेटप्रूफ वाहन में पालम हवाई अड्डे से राष्ट्र्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय ले जाया जाएगा. NIA मुख्यालय के सामने स्थित जवाहर लाल नेहरू (JLN) स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 को बंद कर दिया गया है. वहीं तहव्वुर राणा से पूछताछ के लिए NIA मुख्यालय में पूछताछ सेल तैयार की गई है.
एयरपोर्ट पर SWAT (स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स) कमांडो तैनात किए गए हैं. साथ ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि राणा को ले जाने वाला बुलेटप्रूफ वाहन जिसका इस्तेमाल आमतौर पर सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों व गैंगस्टरों सहित उच्च जोखिम वाले लोगों को अदालतों या एजेंसी कार्यालयों में ले जाने के लिए करती हैं, काफिले में बख्तरबंद वाहन भी होंगे. NIA ने राणा पर अपनी इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के ज़रिए 2008 के मुंबई हमलों के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है. यह जासूसी पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली ने की थी. जो अब अमेरिका की हिरासत में है.
लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में 12 स्थानों पर समन्वित हमले किएए जिसमें 166 लोग मारे गए. हमलावरों में से एक अजमल कसाब को 2012 में पकड़ लिया गया और उसे फांसी दे दी गई. तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा कि मुझे लगता है कि यह अच्छी स्थिति है कि हम उसे भारत प्रत्यर्पित करने में सफल रहे हैं. उसे न्याय की राह पर चलना होगा….उम्मीद है कि न केवल न्याय होगा बल्कि फास्ट-ट्रैक न्याय भी होगा. 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मुकाबला करने वाली टीम का हिस्सा रहे सेवानिवृत्त मुंबई पुलिस अधिकारी हेमंत बावधानकर कहते हैंए 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को वापस लाना NIA के लिए एक उपलब्धि है. हमें उम्मीद है कि उसे मृत्युदंड दिया जाएगा. हम दुनिया को एक कड़ा संदेश दे सकते हैं कि भारत पर बुरी नजऱ डालने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.