नए डीजीपी के लिए कवायद शुरू, मकवाना, अरविंद और अजय रेस में शामिल

भोपाल। मध्य प्रदेश में नए डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए कवायद शुरू हो गई है। नए नियमों के कारण योग्य एवं वरिष्ठ होने के बाद भी कई अधिकारियों का नाम चयन प्रक्रिया से बाहर रहेगा। अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा ने पीएचक्यू को पत्र भेजकर प्रमुख दावेदारों के लिए प्रस्ताव मांगा है। सेट प्रोफॉर्मा में अपनी दावेदारी भेजने को कहा गया है। इन दावेदारों में से ही नए नियमों के अनुसार अधिकारियों की सूची संघ लोक सेवा आयोग को भेज जाएगी।
नए नियमों के तहत, डीजीपी पद के लिए उन्हीं अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे जाएंगे, जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह माह शेष हो। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस कारण कई अधिकारी जैसे कि 1987 बैच के शैलेष सिंह और 1990 बैच के विजय कटारिया, जो जनवरी 2024 तक रिटायर हो रहे हैं, रेस से बाहर हो गए हैं।

चयन की प्रक्रिया के तहत स्पेशल डीजी के नाम यूपीएससी को भेजे जाएंगे। इनमें 1988 बैच के अरविंद कुमार और कैलाश मकवाना सबसे आगे हैं, 1989 बैच के अजय कुमार शर्मा ने भी प्रमुख दावेदारों में है, जीपी सिंह भी रेस में हैं। इन नामों में से यूपीएससी तीन अधिकारियों के नाम का पैनल मप्र सरकार को भेजेगा, और उनमें से एक को अंतिम रूप से चुना जाएगा। 1988 और 1989 बैच के अधिकारी अरविंद कुमार, अजय कुमार शर्मा और जीपी सिंह इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इनमें से किसी एक अधिकारी के नाम पर सहमति बनने की संभावना है।

 

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