दिल्ली ब्यूरो
नई सरकार में प्रधानमंत्री के रुप में नरेन्द्र मोदी फिर एक बार 9 जून को शपथ लेगें. पीएम के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर मंत्रीमंडल के गठन को लेकर जोर-शोर से विचार मंथन किया जा रहा है. खासतौर पर एमपी को लेकर क्योंकि एमपी से ही पूरी 29 सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है. ऐसा माना जा रहा है कि एमपी से पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को मंत्रीमंडल में शामिल किया जाना लगभग तय है. इसके अलावा शहडोल से सांसद बनी हिमाद्री सिंह व देवास सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी को भी शामिल किए जाने को लेकर चर्चा है. इसके अलावा वीरेन्द्र कुमार व फग्गनसिंह कुलस्ते को लेकर विचार विमर्श चल रहा है.
खबर है कि मंत्रीमंडल में किसको स्थान देना है किसकों नहीं यह करीब-करीब तय हो गया है. जिसके चलते एमपी से चार सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है, जिसमें दो कैबिनेट व दो राज्यमंत्री होगेें. इसके अलावा मौजूदा मंत्रियों में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर मुहर लगाई जा चुकी है. खबर यह है कि पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान को कैबिनेट में जगह दी जाएगी. क्योंकि एनडीए के घटक दलों में टीडीपी व जेडीयू द्वारा कृषि व ग्रामीण विकास मंत्रालय मांग है, ऐसे में शिवराजसिंह को कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा. शिवराजसिंह को कृषि मंत्रालय देने पर विचार पहले ही किया जा चुका था. इस बार भाजपा बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई है तो पहली बार सहयोगी दलों को मंत्रीमंडल में शामिल करना है, उनको साधने के लिए विभागों का बंटवारा बड़े सोच समझकर करना पड़ रहा है. यही कारण है कि एमपी से केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार व फग्गन सिंह कुलस्ते के नाम को लेकर संशय बना हुआ है. हो सकता है कि इन दोनों सांसदो को मंत्रीमंडल में जगह न मिल पाए. इनकी जगह पर शहडोल से सांसद हिमाद्री सिंह व खंडवा से सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी के नामों पर भी विचार विमर्श चल रहा है. जिसकी खास वजह है कि घटक दलों ने भी कई अहम मंत्रालय की मांग की है, उन्हे साधने के लिए मंत्रीमंडल से पुराने चेहरों को हटाना ही पड़ेगा. वहीं नए सांसदों को मंत्रीमडल में शामिल करने कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री बनाने में कोई परेशानी भी नही आएगी. विभाग को लेकर भी किसी प्रकार का टकराव नहीं होगा. जहां तक जातीय संतुलन का सवाल है तो उसका भी पूरा पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
एमपी में करीब 22 प्रतिशत आदिवासी वर्ग को खुश रखने के लिए शहडोल से दो बार की सांसद हिमाद्री सिंह को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है, वहीं वीरेन्द्र कुमार के स्थान पर महेन्द्रसिंह सोलंकी को जगह दी जाएगी. वे भी दूसरी बार चुनाव जीतकर आए है. क्योकि मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल सभी को खुश रखकर चलने वाला होगा, ऐसे में पहली बार संसद पहुंचने वाले सांसदों को जगह मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.
वीडी शर्मा को मिलेगी अहम जिम्मेदारी-
इसके अलावा एमपी से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह देने पर भी विचार विमर्श किया गया है यदि ऐसा नहीं होता है कि उन्हे राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी जिम्मेदारी देने पर भी चर्चा चल रही है. जिसका एक कारण यह भी है कि वीडी शर्मा के अध्यक्षीय कार्यकाल में एमपी में विधानसभा चुनाव में 163 सीटें जीती है. इसके अलावा लोकसभा में 29 सीटे आई है, ऐसे में वीडी शर्मा को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा.