झांसी ब्यूरो
एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) ने धौर्रा से जाखलौन के बीच ऐतिहासिक जैन मंदिर होने के चलते तीसरी लाइन के काम पर रोक लगा दी थी। इसके बाद रेलवे ने बोर्ड से लेकर मंत्रालय तक कोशिश की गईं, लेकिन धौर्रा-जाखलौन के बीच सौ मीटर के दायरे में ट्रैक बिछाने की अनुमति नहीं मिली। अब रेलवे ने ट्रैक को पांच किलोमीटर तक घुमाकर बिछाने पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।
ललितपुर से लेकर जाखलौन तक जैन धर्म के ऐतिहासिक मंदिर हैं। इसी तीर्थ क्षेत्र के धौर्रा-जाखलौन रेलखंड में भी कई मंदिर बने हुए हैं, जो भारतीय पुरातत्व द्वारा संरक्षित हैं। रेलवे ने इसी क्षेत्र से तीसरी लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट बनाया, लेकिन जैसे ही ट्रैक बिछाने का कार्य समापन की ओर बढ़ा तो एएसआई ने सौ मीटर के दायरे में लाइन बिछाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इस क्षेत्र को संरक्षित बताया और काम रुकवा दिया। यहां काम अटक जाने पर रेलवे ने मंत्रालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक फाइलें दौड़ाईं, लेकिन नतीजा शून्य रहा और एएसआई ने कानून का हवाला देते हुए भूमि देने से इंकार कर दिया। इसके बाद रेलवे ने प्रोजेक्ट में अब बदलाव किया और संरक्षित क्षेत्र से लाइन को घुमाने की तैयारी शुरू कर दी। सोमवार को यहां रेल मुख्यालय की टीम ने सर्वे किया। इसके बाद निर्णय हुआ कि यहां से अब तीसरी लाइन 5.01 किलोमीटर घुमाव के साथ आगे जोड़ी जाएगी।