एफआईआर दर्ज कराने के एवज में प्रधान आरक्षक ने मांगी रिश्वत, इशारा होते ही लोकायुक्त ने दबोचा

भोपाल स्टेट ब्यूरो 

नागदा में आज लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने प्रधान आरक्षक को 4500 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपी फरियादी से एफआईआर दर्ज नहीं करने को लेकर रिश्वत की मांग कर रहा था।

डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि बिरला ग्राम नागदा निवासी बृजेश विश्वकर्मा और एक अन्य के बीच रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। जिसको लेकर थाना बिरलाग्राम में पदस्थ प्रधान आरक्षक योगेन्द्र सेंगर द्वारा मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने के एवज में 4500 रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। प्रधान आरक्षक योगेन्द्र सेंगर ने बताया था कि शिकायत पर कार्रवाई न करने के एवज में उपनिरीक्षक आनंद सोनी को 4500 की रिश्वत देनी है। लोकायुक्त की टीम ने प्रधान आरक्षक योगेंद्र सेंगर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़कर उसके खिलाफ धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अधीन प्रकरण दर्ज क़र विवेचना में लिया है। कार्रवाई के दौरान विशाल रेशमिया, इसरार, श्याम शर्मा, संदीप कदम सहित 10 सदस्यों की टीम ने कार्रवाई की। पूरे मामले में उप निरीक्षक आनंद सोनी का नाम भी सामने आया था। इसलिए उनके खिलाफ भी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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